आज केंद्रीय भैंस अनुसन्धान संसथान के निदेशक डॉ तीर्थ कुमार दत्ता जी ने केंद्रीय भैंस अनुसन्धान में सप्ताह भर चलने वाले हिंदी कार्यकर्मों को शुभारम्भ विभिन्न प्रतियोगिताओं की शुरुआत कर किया I इस अवसर पर उन्होंने हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी भाषा हमारे देश की पहचान और सम्मान है। यह भारतीय संस्कृति और हमारे गौरव से जुड़ी भाषा है। औपनिवेशिक काल में आजादी की ललक जगाने और स्वाधीनता सेनानियों से आमजन को जोड़ने में हिंदी साहित्य और पत्र-पत्रिकाओं का अद्वितीय योगदान रहा है। हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. विश्व में करीब 420 मिलियन लोग हिंदी को मातृ भाषा के रूप में और करीब 120 मिलियन लोग दूसरी भाषा के रूप में बोलते हैं. इसी क्रम में 14 सितंबर से 21 सितंबर तक हिंदी सप्ताह या राजभाषा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान हिंदी भाषा से जुड़ी कई प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आज हम जानेंगे कि हिंदी दिवस 14 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है. इस तारीख का हिंदी भाषा से क्या संबंध है. हर भारतीय नागरिक के लिए हिंदी दिवस का बेहद खास महत्व है। भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां अलग अलग धर्म व जाति के लोग रहते हैं। अलग अलग भाषाएं, बोलियां बोलने वाले, अलग अलग वेश-भूषा, खानपान व संस्कृति के लोग रहते हैं। ये हिंदी भाषा ही है जो देश के सभी लोगों एकता के सूत्र में पिरोती है। देश को एक रखने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था। हिंदी ने हमें दुनियाभर में पहचान दिलाई है। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के कई देशों में हिंदी बोली जाती है। इंग्लिश और मंदारिन के बाद हिंदी विश्व की तीसरी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है। हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 10 जनवरी को हर साल विश्व हिंदी दिवस भी आयोजित किया जाता है।समाज में आपसी बातचीत और संचार करने के लिए किसी एक विशेष भाषा या बोली की जरूरत होती है। भाषा के माध्यम से ही समाज में एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान करना संभव हो पाता है। समाज की इस जरूरत को हिंदी ने ही पूरा किया है। हिन्दी से ही हमारे समाज और हमारे देश का निर्माण हुआ है। हिन्दी हमारे देश की राष्ट्रभाषा न सही लेकिन राजभाषा जरूर है, जिसपर हमें हमेशा गर्व होना चाहिए। हम सभी देशवासियों को हिंदी को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कदम से कदम मिलाकर चलना होगा। इस अवसर पर संसथान के प्रधान वैज्ञानिक एवं हिंदी अधिकारी डॉ सज्जन सिंह ने बताया कि सप्ताह भर चलने वाले इन कार्यकर्मों के लिए अलग अलग प्रतियोगितिओं के लिए अलग अलग अधिकारिओं और वैज्ञानिक कि कमेटी का गठन किया गया है जो प्रतिभागियों के प्रदर्शन का आंकलन कर प्रथम ,द्वितीय व् तीसरे प्रतिभागियों के इलावा प्रोहत्सान के रूप में ईनाम दिए जायेंगे I इस कार्य को करने में श्री कृष्ण कुमार जी का विशेष सहयोग रहा I
प्रतियोगिताओं का विवरण
1 संस्थान के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों के बच्चों (पांचवीं से दसवीं तक ) के लिए निबंध प्रतियोगिता दिनांक १४ सितम्बर २०२२
2 संस्थान, अन्य केंद्रों एवं कार्यालयों के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों के के लिए हिंदी टंकण प्रतियोगिता(कम्प्यूटर द्वारा )दिनांक १४ सितम्बर २०२२ परिच्छेद अनुवाद (अंग्रेजी से हिंदी ) , हिंदी शब्दानुवाद (अंग्रेजी से हिंदी ) व हिंदी निबंध प्रतियोगिता दिनांक १९ सितम्बर २०२२
3 हिंदी सप्ताह का समापन समारोह दिनांक २३ सितम्बर २०२२ को दोपहर ३ बजे आयोजित की जा जाएगी । समापन समारोह के दौरान वाद -विवाद प्रतियोगिता, आशु भाषण प्रतियोगिता एवं कविता पाठ की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।
समापन समारोह के दिन मुख्यातिथि द्वारा हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने वाले एवं विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। माँ ,मातृभूमि और मातृभाषा सदैव वंदनीय, हिंदी हमारी मातृभाषा अप्रतिम, बेजोड़ और अद्वितीय हैI