केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार ने एक साथ झोटो के आठ क्लोन पैदा कर इंडिया बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड में उपलब्धि को दर्ज कराया है। इस संदर्भ में इंडिया बुक ऑफ़ रिकाॅर्ड के मुख्य संपादक की तरफ से क्लोंनिग टीम के प्रभारी डाॅ. पीएस यादव को प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।
टीम के प्रभारी डाॅ. पीएस यादव ने बताया कि सभी आठ क्लोन अक्टूबर 2019 से लेकर जनवरी 2020 तक पैदा हुए है। इनमें से सात क्लोन तो एक ही झोटे एम-29 से बनाए गये है। जो एक बेहतरीन उत्तम नस्ल का झोटा है। हिसार गौरव जो एक क्लोन झोटा है उसका भी क्लोन बनाकर एक नया रिकाॅर्ड बना है।
पशुओं में क्लोनिंग की तकनीक पोधों में कलम लगाने के समान है, परन्तु काफी जटिल है। इसमें शरीर के किसी भाग से एक छोटा सा उत्तक लेकर उससे सेल कल्चर की जाती है तथा उनमें से एक सेल को केन्द्रक रहित अण्डे में रखकर भ्रूण बना दिया जाता है तथा उसे उचित समय पर मादा पशु की बच्चेदानी में रखकर गर्भधारण कराया जाता है।
गर्भावस्था पूरी करने के बाद इस तरह पैदा हुआ क्लोन बच्चा शक्ल, सूरत, लिंग व सभी आनुवंशिक गुणों में वही होता हैं जिस पशु के शरीर का उत्तक लिया गया है। बेहतरीन और उच्च नस्ल के पशुओं का क्लोन बनाकर हम बहुत तेजी के साथ अच्छी नस्ल के पशुओं को बढ़ा सकते है। जिससे आने वाले समय में दूध उत्पादन में तेजी से वृृद्वि होगी। टीम के अन्य सदस्य डाॅ. राकेश कुमार शर्मा, डाॅ. धर्मेन्द्र कुमार, डाॅ. नरेश सेलोकर, डाॅ. प्रदीप कुमार, डाॅ. राजेश, डाॅ. मोनिका, डाॅ. सीमा दुआ अपनी इस उपलब्धि पर गौरवान्वित है। यह उपलब्धि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के एनएएसएफ प्रोजेक्ट के अन्र्तगत मिली है।