किसानों के पास उपलब्ध उच्तम दुग्ध उत्पादन वाली भैंसो के सत्यापन, संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से भा.कृ.अनु.प. – केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार ने प्रतिमाह के प्रथम रविवार को होने वाली दुग्ध प्रतियोगिता नवम्बर 1 से 3, 2015 को आयोजित की गई । इस वर्ष जुलाई माह से शुरू हुए इस तरह के आयोजन में सोरखी गांव के युवा किसान जयसिंह की मुर्राह भैंस न- 160013 775231 ने 25 किलो 493 ग्राम दुग्ध उत्पादन कर नया कीर्तिमान बनाया है। इससे पहले यह कीर्तिमान गावं सुनारियाँ के किसान कर्मबीर की मुर्राह भैंस न- 160015 194134 का था जिसने 25 किलो 446 ग्राम दुग्ध उत्पादन किया था।
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन डॉ- सतबीर दहिया, डॉ अश्वनी पाण्डेय और डॉ विशाल मुद्गिल के नेतृत्व में किया गया जिससे किसान उच्तम दुग्ध उत्पादन वाली भैंसो के वैज्ञानिक आंकलन, संरक्षण व संवर्धन के लिए संस्थान से सीधे जुड़ सकेंगे। किसानो के उत्साह को देखते हुए 24 किलो या इससे अधिक दूध उत्पादन वाली वाली भैंसो के सत्यापन के लिए किसान के द्वार अभियान के अंतर्गत भा.कृ.अनु.प.- केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार के वैज्ञानिको की टीम किसान के द्वार पर जाएगी। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए किसानों को 10,000 रूपये बतौर दरोहर राशि जमा करवाने होंगे जो की तय मानक, 24 किलो या ऊपर दुग्ध उत्पादन के उपरांत वापिस कर दी जाएगी। यदि दूध उत्पादन 24 किलो से कम एवं 22 किलो से अधिक रहता है तो इस दरोहर राशि का 50% वापिस कर दिया जायेगा। 22 किलो से कम दूध उत्पादन की स्थति में दरोहर राशि वापिस नहीं की जाएगी। इस तरह संस्थान के प्रांगण एवं किसान के द्वार पर किये गए आयोजनो में 20 किलो या इससे अधिक दूध उत्पादन वाली भैंसो के किसानों को वार्षिक मेले में इनाम राशि एवं प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया जायेगा।